SATGURU BHAGVAN

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Tuesday 23 December 2014

11-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu



*जो व्यक्ति सदैव तीनों समय तुलसी पत्र का सेवन करता है उसका शरीर ऐसा सिद्ध हो जाता है जैसा कि अनेक चान्द्रायण व्रतों द्वारा सम्भव होता

* तुलसी की गन्ध को लेकर वायु जिस दिशा में जाती है वह दिशा तथा वहाँ रहने वाले सब प्राणी पवित्र, दोष रहित हो जाते हैं

* हे महा महिमाशाली तुलसी माता आप समस्त सौभाग्यों को देने वाली और आधि-व्याधि को मिटाने वाली हैं। आपको मेरा नमस्कार है

* जिसकी दृष्टि मात्र से ही सब पाप नष्ट हो जाते हैं, स्पर्श करने से जो शरीर को पवित्र कर देती है, जिसका सेवन करने से सब रोग मिट जाते हैं, जिसको लगाने से भगवान की सायुज्यता प्राप्त होती है, भगवान कृष्ण के चरणों में जिसे चढ़ाने से मुक्ति प्राप्त होती हैं

* तुलसी वन की छाया में पितरों का श्राद्ध करना उनके लिए विशेष तृप्तिकारक सिद्ध होता हैं। 
जिस घर की भूमि तुलसी की मिट्टी से लिपी रहती हैं, उसमें यमराज के किंकर (रोगों के कीटाणु ) प्रवेश नहीं करते।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday 22 December 2014

10-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu



 तुलसी में समस्त देवताओं का निवास है, अतएव उनकी अर्चना करने से समस्त देवों के पूजन का फल मिलता है। ॥1॥
तुलस्यां सकला देवाः वसन्ति सततं यतः।
अतस्तामर्चयेल्लोकःसर्वान्देवानसमर्चयन ।।1।।



जो व्यक्ति स्नान के जल में तुलसी डालकर उपयोग में लाता है वह सब तीर्थों में नहाया हुआ समझा जाना चाहिए और वह सब यज्ञों में बैठने का अधिकारी है। ॥2॥
स स्नानः सर्वतीर्थ सर्वयज्ञेषुदीक्षितः।
तुलसीपत्रतोयं च योऽभिषेक समाचरेत ।।2।।


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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday 20 December 2014

9-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu




।। वास्तु दोष निवारक तुलसी का पौधा ।।
* तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है ।
* पूर्व दिशा की खिडकी के पास रखने से पुत्र यदि जिद्दी हो तो उसका हठ दूर होता है।
* कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो अग्नि कोण में तुलसी के पौधे को कन्या नित्य जल अर्पण कर एक प्रदक्षिणा करे।
* पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे में से तीन पत्ते किसी ना किसी रूप में सन्तान को खिलाने से सन्तान आज्ञानुसार व्यवहार करने लगती है।
* यदि कारोबार ठीक नहीं चल रहा तो दक्षिण-पश्चिम में रखे तुलसी कि गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करे।
* घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है।
* तुलसी के पत्तों के नियमित सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है।
* तुलसी जिस घर आंगन में होती है, वहां के वातावरण में मौजूद नकारात्मक तत्वों को सोख लेती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday 19 December 2014

8-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu



* जो मनुष्य तुलसी की लकड़ी से बनी हुई माला भगवान विष्णु को अर्पित करके पुनः प्रसाद रूप से उसे भक्तिपूर्वक धारण करता है, उसके पाप नष्ट हो जाते हैं।
* तुलसी दर्शन करने पर समस्त पापों का नाश होता है,
* स्पर्श करने पर शरीर पवित्र होता है,
* प्रणाम करने पर रोगों का निवारण करती है,
* जल से सींचने पर यमराज को भी भय पहुंचाती है,
* तुलसी का पौधा लगाने से जातक भगवान के समीप आता है।
* गले में तुलसी की माला धारण करने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों द्वारा धारण करने के सामर्थ्य में वृद्धि होती है।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Thursday 18 December 2014

7-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu



पत्रं पुष्पं फलं मूलं शाखा त्वक् स्कन्धसंज्ञितम् ।
तुलसीसंभवं सर्वं पावनं मृत्तिकादिकम् ।।

अर्थात तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पावन हैं। यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजनादि कार्य करे तो वह कोटि गुना फल देने वाला होते हैं।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

6-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu



तुलसी घर में होगी तो नहीं आएंगे यमराज या यमदूत

तुलसीकाननं चौव गृहे यस्यावतिष्ठते।
तद्गृहं तीर्थभूतं हि नायांन्ति यमकिंकराः।
तुलसीमंजरीभिर्यः कुर्याद्धरिहर्रानम ।
न स गर्भगृहं याति मुक्तिभागी भवेन्नरः।।

जिसके व्यक्ति के घर में तुलसी का पौधा होता है वह घर तीर्थ के समान है। वहां मृत्यु के देवता यमराज नहीं आते हैं। जो मनुष्य तुलसीमंजरी से भगवान श्रीहरि की पूजा करता है उसे फिर गर्भ में नहीं आना पड़ता अर्थात उसे पुनरू धरती पर जन्म नहीं लेना पड़ता।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday 17 December 2014

5-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

वायु पुराण में तुलसी पत्र तोड़ने की कुछ नियम मर्यादाएँ बताते हुए लिखा है -

अस्नात्वा तुलसीं छित्वा यः पूजा कुरुते नरः। सोऽपराधी भवेत् सत्यं तत् सर्वनिष्फलं भवेत् ।।

अर्थात् दृ बिना स्नान किए तुलसी को तोड़कर जोमनुष्य पूजा करता है, वह अपराधी है। उसकी की हुई पूजा निष्फल जाती है, इसमें कोई संशय नहीं।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

4-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

रोपनात् पालनान् सेकान् दर्शनात्स्पर्शनान्नृणाम् ।
तुलसी दह्यते पाप वाढुमतः काय सञ्चितम् ।।

तुलसी को लगाने से, पालने से, सींचने से, दर्शन करने से, स्पर्श करने से, मनुष्यों के मन, वचन और काया से संचित पाप जल जाते हैं।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

3-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम ।।
तुलसी को अकाल मृत्यु हरण करने वाली और सम्पूर्ण रोगों को दूर करने वाली माना गया है।

रोपनात् पालनान् सेकान् दर्शनात्स्पर्शनान्नृणाम ।
तुलसी दह्यते पाप वाढुमतः काय सञ्चितम ।।


तुलसी को लगाने से, पालने से, सींचने से, दर्शन करने से, स्पर्श करने से, मनुष्यों के मन, वचन और काया से संचित पाप जल जाते हैं।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

2-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार देव और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका, उसी से ‘‘तुलसी’’ की उत्पत्ति हुई। ब्रह्मदेव ने उसे भगवान विष्णु को सौंपा।
तुलसी की आराधना करते हुए ग्रंथ लिखते हैं --

महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी ।
आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम नमोस्तुते ।।


हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपकोनमस्कार है।

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu


1-Tulsi Poojan Divas 25 December- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu



तुलसी की महिमा बताते हुए भगवान शिव नारदजी से कहते हैं-

पत्रं पुष्पं फलं मूलं शाखा त्वक् स्कन्धसंज्ञितम।
तुलसी संभवं सर्वं पावनं मृत्तिकादिकम।।

अर्थात ‘तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पावन हैं।’

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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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