मातृ-पितृ
पूजन दिवस –
क्यों ?
माता-पिता
ने हमसे अधिक
वर्ष दुनिया
में गुजारे
हैं, उनका
अनुभव हमसे
अधिक है और
सदगुरु ने जो
महान अनुभव
किया है उसकी
तो हमारे छोटे
अनुभव से
तुलना ही नहीं
हो सकती। इन
तीनों के आदर
से उनका अनुभव
हमें सहज में
ही मिलता है।
अतः जो भी
व्यक्ति अपनी
उन्नति चाहता
है, उस सज्जन
को माता-पिता
और सदगुरु का
आदर पूजन
आज्ञापालन तो
करना चाहिए,
चाहिए और
चाहिए ही !SATGURU BHAGVAN
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