*जो व्यक्ति सदैव तीनों समय तुलसी पत्र का सेवन करता है उसका शरीर ऐसा सिद्ध हो जाता है जैसा कि अनेक चान्द्रायण व्रतों द्वारा सम्भव होता
* तुलसी की गन्ध को लेकर वायु जिस दिशा में जाती है वह दिशा तथा वहाँ रहने वाले सब प्राणी पवित्र, दोष रहित हो जाते हैं
* हे महा महिमाशाली तुलसी माता आप समस्त सौभाग्यों को देने वाली और आधि-व्याधि को मिटाने वाली हैं। आपको मेरा नमस्कार है
* जिसकी दृष्टि मात्र से ही सब पाप नष्ट हो जाते हैं, स्पर्श करने से जो शरीर को पवित्र कर देती है, जिसका सेवन करने से सब रोग मिट जाते हैं, जिसको लगाने से भगवान की सायुज्यता प्राप्त होती है, भगवान कृष्ण के चरणों में जिसे चढ़ाने से मुक्ति प्राप्त होती हैं
* तुलसी वन की छाया में पितरों का श्राद्ध करना उनके लिए विशेष तृप्तिकारक सिद्ध होता हैं।
जिस घर की भूमि तुलसी की मिट्टी से लिपी रहती हैं, उसमें यमराज के किंकर (रोगों के कीटाणु ) प्रवेश नहीं करते।
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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu