पत्रं पुष्पं फलं मूलं शाखा त्वक् स्कन्धसंज्ञितम् ।
तुलसीसंभवं सर्वं पावनं मृत्तिकादिकम् ।।
अर्थात तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पावन हैं। यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजनादि कार्य करे तो वह कोटि गुना फल देने वाला होते हैं।
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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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