प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार देव और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका, उसी से ‘‘तुलसी’’ की उत्पत्ति हुई। ब्रह्मदेव ने उसे भगवान विष्णु को सौंपा।
तुलसी की आराधना करते हुए ग्रंथ लिखते हैं --
महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी ।
आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम नमोस्तुते ।।
हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपकोनमस्कार है।
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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
तुलसी की आराधना करते हुए ग्रंथ लिखते हैं --
महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी ।
आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम नमोस्तुते ।।
हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपकोनमस्कार है।
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25 दिसम्बर " तुलसी पूजन दिवस " - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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