SATGURU BHAGVAN
Widget by:pyaresatguruji
Monday, 11 February 2013
108-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY( Divine Valentine Celebration)
माँ की पुकार कोई सुनेगा ?
एक धनी व्यक्ति की माँ अक्सर बीमार रहती थी। माँ रोज बेटे-बहू को कहती थी कि बेटा, मुझे डॉक्टर के पास ले चल। बेटा भी रोज पत्नी को कह देता, माँ को ले जाना, मैं तो फैक्टरी के काम में व्यस्त रहता हूँ। क्या तुम माँ का चेकअप नहीं करा सकती हो? पत्नी भी लापरवाही से उत्तर दे देती, पिछले साल गई तो थी, डॉक्टर ने कोई ऑपरेशन का कहा है। जब तकलीफ होगी ले जाना और वह अपने काम में लग जाती। बेटा भी ब्रीफकेस उठाकर चलता हुआ बोल जाता कि माँ तुम भी थोड़ी सहनशक्ति रखा करो।
फैक्टरी की पार्किंग में उस व्यक्ति को हमेशा एक निर्धन लड़का मिलता था। वह पार्किंग के पास ही बूट पॉलिश करता रहता। और जब कभी बूट पॉलिश का काम नहीं होता, तब वह वहाँ रखी गाड़ियों को कपड़े से साफ करता। गाड़ी वाले उसे जो भी 2-4 रुपए देते उसे ले लेता। धनी व्यक्ति और अन्य दूसरे लोग भी रोज मिलने से उसे पहचानने लग गए थे। लड़का भी जिस साहब से 5 रुपए मिलते उस साहब को लंबा सलाम ठोकता था।
एक दिन की बात है धनी व्यक्ति शाम को मीटिंग लेकर अपने कैबिन में आकर बैठा। उसको एक जरूरी फोन पर जानकारी मिली, जो उसके घर से था। घर का नंबर मिलाया तो नौकर ने कहा 'साहब आपको 11 बजे से फोन कर रहे हैं। माताजी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी, इसलिए बहादुर और रामू दोनों नौकर उन्हें सरकारी अस्पताल ले गए हैं।' धनी व्यक्ति फोन पर दहाड़ा, 'क्या मेम साहब घर पर नहीं हैं?' वह डरकर बोला, 'वे तो सुबह 10 बजे ही आपके जाने के बाद चली गईं। साहब घर पर कोई नहीं था और हमें कुछ समझ में नहीं आया। माताजी ने ही हमें मुश्किल से कहा, 'बेटा मुझे सरकारी अस्पताल ले चलो, तो माली और बहादुर दोनों रिक्शा में ले गए और साहब मैं मेम साहब का रास्ता देखने के लिए और आपको फोन करने के लिए घर पर रुक गया।'
धनी व्यक्ति ने गुस्से एवं भारीपन से फोन रखा और लगभग दौड़ते हुए गाड़ी निकालकर तेज गति से सरकारी अस्पताल की ओर निकल पड़ा। जैसे ही रिसेप्शन की ओर बढ़ा, उसने सोचा कि यहीं से जानकारी ले लेता हूँ। 'सलाम साहब' एकाएक धनी व्यक्ति चौंका, उसे यहाँ कौन सलाम कर रहा है?
'अरे तुम वही गरीब लड़के हो?' और उसका हाथ पकड़े उसकी बूढ़ी माँ थी। धनी व्यक्ति ने आश्चर्य से पूछा, 'अरे तुम यहाँ, क्या बात है?' लड़का बोला, 'साहब, मेरी माँ बीमार थी। 15 दिनों से यहीं भर्ती थी। इसीलिए पैसे इकट्ठे करता था।' और ऊपर हाथ करके बोला, 'भगवान आप जैसे लोगों का भला करे जिनके आशीर्वाद से मेरी माँ ठीक हो गई। आज ही छुट्टी मिली है। घर जा रहा हूँ। मगर साहब आप यहाँ कैसे?'
धनी व्यक्ति जैसे नींद से जागा हो। 'हाँ' कहकर वह रिसेप्शन की ओर बढ़ गया। वहाँ से जानकारी लेकर लंबे-लंबे कदम से आगे बढ़ता गया। सामने से उसे दो डॉक्टर आते मिले। उसने अपना परिचय दिया और माँ के बारे में पूछा।
'ओ आई एम सॉरी, शी इज नो मोर, आपने बहुत देर कर दी' कहते हुए डॉक्टर आगे निकल गए। वह हारा-सा सिर पकड़ कर वहीं बेंच पर बैठ गया। सामने गरीब लड़का चला जा रहा था और उसके कंधे पर हाथ रखे धीरे-धीरे उसकी माँ जा रही थी।
Sunday, 10 February 2013
107-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY( Divine Valentine Celebration)
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपनी जन्नत को ख़ुदा के लिए दोज़ख ना बना
मेरे मालिक मेरे आका मेरे मौला ने कहा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
बाप के प्यरा से अछी कोइ दौलत क्या है
माँ का आँचल जो सलामत है तो जन्नत क्या है
येह है राज़ी तो नबी राज़ी है राज़ी है ख़ुदा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
जब भि दैखा तो तुझे प्यार से दैखा माँ ने
ख़ून-ए-दिल दूध कि सूरत में पिलाया माँ ने
तुने इस प्यार के बदले में उसे कुछ न दिया
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
ऊन्न कि मम्ता नै बहरहाल संभला तुझ को
किस क़दर प्यार से माँ बाप ने पाला तुझ को
रहमत-ए-बाला से कुछ कम नही साया उनका
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
तेरे माँ बाप ने किस प्यार से पाला तुझ को
ख़ुद रहे भूके दिया मून्ह का निवाला तुझ को
ईन्न की मुठी मै है नादान मुक़दर तेरा
तेरे बेटे भी कहाँ रोटियाँ देंगे तुझ को
यह भी तेरी ही तरह गालियाँ देंगे तुझ को
तू भी ए साहिब-ए-ओलद येह क्यों भूल गया
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
ऊन्न से अछी नहीं देखि कोइ सूरत क़ैसर
हय सरापा येह मोहबत ही मोहबत क़ैसर
अपनी जन्नत को ख़ुदा के लिए दोज़ख ना बना
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
मैरा मलिक मेरे आका मेरे मौला ने कहा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
अपने माँ बाप का तू दिल न दुखा
106-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY( Divine Valentine Celebration)
एक दिन मै स्कूल से निकला तो बहुत बादल छाए हुए थे ,मैंने सोचा बारिश से पहले घर पहुंच जाऊंगा लेकिन रास्ते में बारिश हो गयी और मै भीग गया ।
भीगा हुआ जब मै घर पहुचा तो बहन ने कहा ''थोड़ी देर रुक नहीं सकते थे ''
भाई ने कहा '' कही साइड पे खड़े हो जाते ''
पिताजी बोले ''बहुत शौक है भीगने का ''
इतने में मेरी माँ आई और मुझे तौलिये से पोंछते हुए कहा ''कम्बख्त ये बारिश थोड़ी देर रुक नहीं सकती थी ''...
मुझे दुनिया में कोई सबसे ज्यादा प्यार कर सकता है तो वो मेरी माँ है और कोई नहीं ...
Saturday, 9 February 2013
105-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY( Divine Valentine Celebration)
कुछ लोग 'वेलेंटाइन वीक' सिर्फ इसलिए मानते हैं की उन्हें लगता है सिर्फ रुड़ीवादी
मानसिकता और संकीर्ण सोच वाले ही इसका विरोध करते हैं लेकिन सच में तो भारत में
कोई 'वेलेँटाईन वीक' का समर्थक है ही नही।
खुद की "बहन,
बेटी" को कोई गुलाब का फूल दे, या उसके साथ कोई Hug Day, Kiss Day मनाए, ये किसी को स्वीकार नहीं।
किसी को स्वीकार
है ऐसा ?
खुद के लिए आज़ादी
मांगने वालों क्या अपनी बहन, बेटीयों को भी वही आज़ादी दोगे..??
Subscribe to:
Posts (Atom)