कुछ लोग 'वेलेंटाइन वीक' सिर्फ इसलिए मानते हैं की उन्हें लगता है सिर्फ रुड़ीवादी
मानसिकता और संकीर्ण सोच वाले ही इसका विरोध करते हैं लेकिन सच में तो भारत में
कोई 'वेलेँटाईन वीक' का समर्थक है ही नही।
खुद की "बहन,
बेटी" को कोई गुलाब का फूल दे, या उसके साथ कोई Hug Day, Kiss Day मनाए, ये किसी को स्वीकार नहीं।
किसी को स्वीकार
है ऐसा ?
खुद के लिए आज़ादी
मांगने वालों क्या अपनी बहन, बेटीयों को भी वही आज़ादी दोगे..??
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