14 विकसित और
विकासशील
देशों के
बच्चों व युवाओं
में किये गये
सर्वेक्षण
में यह स्पष्ट
हुआ है कि
भारतीय बच्चे,
युवक सबसे
अधिक सुखी और
स्नेही पाये
गये। लंदन व
न्यूयार्क
में प्रकाशित
इस रिपोर्ट
में कहा गया
है कि इसका एक
बड़ा कारण
है-भारतीय
लोगों का
पारिवारिक
स्नेह एवं
निष्ठा !
भारतीय
युवाओं ने कहा
कि ʹउनकि
जीवन में
प्रसन्नता
लाने तथा
समस्याओं को
सुलझाने में
उनके
माता-पिता का
सर्वाधिक योगदान
है।ʹ भारत
में माता-पिता
हर प्रकार से
अपने बच्चों
का पोषण करते
हैं और
माता-पिताओं
का पोषण संतजनों
से होता है।
माता-पिता,
बच्चे-युवक
सभी को पोषित
करने वाला
पूज्य बापू जी
द्वारा प्रेरित
ʹमातृ-पितृ
पूजन दिवसʹ इस
निष्कर्ष की
पुष्टि करता
है।
SATGURU BHAGVAN
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