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Tuesday, 29 January 2013

83-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY( Divine Valentine Celebration)

हम स्वयं जिसका अंश हैं, उसका ऋण कैसे चुकाएं। ऋण चुकाने की कल्पना भी धृष्टता कही जाएगी। कितने और कैसे-कैसे अहसान हैं उसके हम पर। यदि अदायगी का मन बना लिया तो उलझ जाएंगे। भला कैसे अदा करेंगे उस ऋण को? जब आपको पृथ्वी पर लाने के लिए वह असीम अव्यक्त वेदना से छटपटा रही थी, उसका? या ऋण चुकाएंगे उन अमृत बूंदों का जिनसे आपकी कोमलता पोषित हुई? अनवरत भीगती नन्ही लंगोटियों का या बुरी नजरों से बचाती काजल टीकलियों का?

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