अक्सर हम सभी, अपने माता पिता की बातों को जान बुझ कर भी नज़रअंदाज़ कर देते हैं, वो कोई भी काम करने के लिए कहते हैं तो हम अक्सर हम माना कर देते हैं.
वही अगर, कोई बीवी, बाहर की कोई लड़की या कोई और बाहर का इंसान अगर आपसे कुछ बोले तो आप उनकी बातों को मान लेते हो, उनसे बड़ी ही तहज़ीब से बातें करते हो, ये तो बहुत ही अच्छी बात है की आप उनसे अच्छी तरह और इज़्ज़त से बातें करते हो, लेकिन हम लोग ये क्यू भूल जाते हैं की जो हुमारे सबसे करीब हैं और हमारे सब कुछ है, उन्हे हम ठीक से बातें तक न्ही किया करते है.
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