70-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY( Divine Valentine Celebration)
वेलेन्टाईन-डे और हिन्दु सस्क्रिति
ईसाई - संत
वेलेन्टाईन ने कहा “हमें सभी मनुष्यों से
प्यार करना चाहिऐ” | जो आज सिर्फ़ एक दिन
की आशकी वेल्म्टाईन-डे में पर्वर्तित हो गया है। वेलेन्टाईन-डे का अस्तित्व ही
धुमिल हो गया है। आज के भारतिय समाज में ना तो समाजिक व्यवस्था ही बाकी रह गई है और ना ही आज का हिन्दु संयम रखने विशवास रखता है | जिस कारण मैं स्वयं भी वेलेन्टाईन-डे को
आज के सवरुप में मनाऐ जाने के पक्ष में नही हूं| जहां
तक रही बात विवाह पुर्व काम-वासनाऑ की पूर्ती के लिए किसी मनचाहे साथी के साथ
सम्भोग करने का, तो जब तक समाज में
धर्म ( समाजिक व्यवस्था की और उथान) व्याप्त है तब तक तो ईस कर्त को कभी भी
मान्यता प्राप्त नही होगी | हां पर, आधुनिक भारतीय समाज पूरी तेजी से
लास-वेगास की लालसा मन में संजोए, आखों पर पट्टी बांधे
दोड रहा है | और ज्लद ही कामुक
नर्क के द्वार पर पहुंच जाएगा | वहां पर निष्बद के
नायक हमें प्रेरित करेंगें | पामेला और ब्रीटनी
द्वार पर खडी “लव मी बेबी वन मोर
टाईम” और “मूव मी, बेन्ड
मी, आई एम आल युअर्स बेबी| कम आन कम आन उमम्म्मह……” केह कर स्वागत करेंगी|फिर किसी दिन करवाचोथ का अर्थ ये लगाया
जाएगा कि उस दिन कम से कम चार साथीयों के साथ कामेछा की पूर्ती करनी चाहिए| (यह कोई अतिश्योक्ति नही है)|
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