हमारे देश
का भविष्य
हमारी युवा
पीढ़ी पर निर्भर
है किन्तु
उचित
मार्गदर्शन
के अभाव में वह
आज गुमराह हो
रही है |
पाश्चात्य
भोगवादी
सभ्यता के
दुष्प्रभाव से
उसके यौवन का
ह्रास होता जा
रहा है | विदेशी
चैनल, चलचित्र, अशलील
साहित्य आदि
प्रचार
माध्यमों के
द्वारा
युवक-युवतियों
को गुमराह
किया जा रहा
है | विभिन्न
सामयिकों और
समाचार-पत्रों
में भी तथाकथित
पाश्चात्य
मनोविज्ञान
से प्रभावित मनोचिकित्सक
और ‘सेक्सोलॉजिस्ट’ युवा
छात्र-छात्राओं
को चरित्र, संयम और
नैतिकता से
भ्रष्ट करने
पर तुले हुए हैं
|
-Pujya Asharam Ji Bapu
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