38-PARENTS WORSHIP DAY : 14TH FEBRUARY
"माँ वंदना,
माँ अर्चना,
माँ आरती,
माँ प्रार्थना !
माँ ही पूजा,
माँ ही ईश्वर !
दुनिया में हैं अनेकों मंदिर...
माँ धरती पर स्वर्ग-धाम !!"
"माँ" ... इस एक शब्द में पूरी दुनिया सिमट आती है !
हर भावना, हर रिश्ते, हर इंसान की बुनियाद है माँ !
माँ परछाईं बन सदैव बच्चों संग रहती !
धूप में उनकी आड़ बनती, तूफ़ानों में उनकी ढाल !
कोई भी मुसीबत हो..... माँ बच्चों की शक्ति बन जाती !
बच्चे मुस्काते... माँ खिलखिलाती,
बच्चे सुबकते... माँ सिसकती !
बच्चे बीमार होते... माँ उनके सिरहाने बैठे रात-दिन एक कर देती !
बच्चों के मुँह में निवाले जाते....माँ के तन-मन को तृप्ति मिलती !
अपनी पलकों से बच्चों की राह बुहारती...
माँ काँटे चुन-चुन कर फूल बिछाती...!
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