असभ्यता ,
अश्लीलता पैर फैला रही है
भारत जिसे आज भी सभ्यता से जाना जाता है लेकिन इस सभ्यता प़र प्रहार हो रहा है . ख़ुद अपने ही लोग इसे असभ्य बनाने की तक में है और असभ्यता फैला रहे है . अश्लीलता फैलाई जा रही है युवा अपनी संस्कृति को छोड़ पश्चिमी होते जा रहे है,
भारत जिसे आज भी सभ्यता से जाना जाता है लेकिन इस सभ्यता प़र प्रहार हो रहा है . ख़ुद अपने ही लोग इसे असभ्य बनाने की तक में है और असभ्यता फैला रहे है . अश्लीलता फैलाई जा रही है युवा अपनी संस्कृति को छोड़ पश्चिमी होते जा रहे है,
एक तरफ तो युवक 14 फरवरी को हाथ में 2-4 रूपये का फूल 50 रूपये में खरीद कर लड़की को देने को सही ठहराता
है और इसे आजा़दी कहता है और दूसरी
तरफ जब उसी आज़ादी की बात उसकी सगी बहन करे तो लड़की और उसके साथी को पीटने पर उतारू हो जाता है क्यों ?
... जो काम किसी की बहन के साथ करना चाहते हो वो अगर तुम्हारी बहन करे तो आज़ादी को कैसा खतरा ?
सच जानते हुए भी अनजान बनने की नाटक करते हो ?
क्या यही है हमारी पढ़ाई और हमारा माडरन होना ?
... जो काम किसी की बहन के साथ करना चाहते हो वो अगर तुम्हारी बहन करे तो आज़ादी को कैसा खतरा ?
सच जानते हुए भी अनजान बनने की नाटक करते हो ?
क्या यही है हमारी पढ़ाई और हमारा माडरन होना ?
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