सफलता का रहस्य
"फिल्म
के अश्लील
दृश्य या
उपन्यासों के
अश्लील वाक्य
मनुष्य के मन
को विचलित कर
देते हैं और
वह भोगों में
जा गिरता है।"
घटित
घटना है –
प्रसिद्ध
गामा पहलवान,
जिसका मूल नाम
गुलाम हुसैन
था, से
पत्रकार जैका
फ्रेड ने
पूछाः "आप एक
हजार से भी
ज्यादा
कुश्तियाँ
लड़ चुके हैं।
कसम खाने के
लिए भी लोग
दो-पाँच
कुश्तियाँ
हार जाते हैं।
आपने हजारों
कुश्तियों
में विजय पायी
है और आज तक
हारे नहीं
हैं। आपकी इस
विजय का रहस्य
क्या है ?"
गुलाम
हुसैन (गामा
पहलवान) ने
कहाः "मैं
किसी महिला की
तरफ बुरी नजर
से नहीं देखता
हूँ। मैं जब
कुश्ती में
उतरता हूँ तो गीतानायक
श्रीकृष्ण का
ध्यान करता
हूँ और बल के
लिए
प्रार्थना
करता हूँ।
इसीलिए
हजारों कुश्तियों
में मैं एक भी
कुश्ती हारा
नहीं हूँ। यह
संयम और
श्रीकृष्ण के
ध्यान की
महिमा है।"
ब्रह्मचर्य
का पालन एवं
भगवान का
ध्यान.... इन
दोनों ने गामा
पहलवान को
विश्वविजयी
बना दिया।
जिसके जीवन
में संयम है,
सदाचार हैं
एवं
ईश्वरप्रीति
है वह
प्रत्येक
क्षेत्र में
सफल होता ही
है, इसमें
संदेह नहीं
है।
युवानों
को चाहिए कि
गामा पहलवान
के जीवन से प्रेरणा
लें एवं किसी
भी स्त्री के
प्रति कुदृष्टि
न रखें। इसी
प्रकार
युवतियाँ भी
किसी पुरुष के
प्रत
कुदृष्टि न
रखें। यदि
युवक-युवतियों
ने इतना भी कर
लिया तो पतन
की खाई में
गिरने से बच
जायेंगे
क्योंकि
विकार पहले
नेत्रों से ही
घुसता है, बाद
में मन पर
उसका प्रभाव
पड़ता है।
फिल्म के
अश्लील दृश्य
या उपन्यासों
के अश्लील
वाक्य मनुष्य
के मन को
विचलित कर
देते हैं और
वह भोगों में
जा गिरता है।
अतः सावधान !
शाबाश,
भारत के
नौजवानो,
शाबाश ! आगे
बढ़ो.... संयमी व
सदाचारी बनो...
भारत की गौरवमयी
गरिमा को पुनः
लौटा लाओ...
विश्व में
पुनः भारत की
दिव्य
संस्कृति की
पताका फहरने
दो....
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