फिल्मे तय कर रही है भारत का भविष्य
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जिस भारत मे कभी श्रवण कुमार ,श्री राम जैसे युवाओ ने जन्म लिया अचानक उस भारत को क्या हो गया की आतंकवादी हत्यारे और राक्षस इस देश मे पैदा होने लग गए .
तो उसका कारण है युवाओ को दुष्प्रभवित करने वाली फिंल्मे जैसे की राजा हरिशचन्द्र का नाटक
देखकर कोई महात्मा बन जाता है वैसे ही कोई सनी लीओन को देखकर समूहिक बलात्कारी बन जाता है
कोई ज्ञानी जामवंत बनके युवा की शक्ति को जागृत कर उसे महान बलवान वीर हनुमान बना देता है तो कोई महेश भट्ट जैसा "टूच्छा व्यक्ति "अच्छे भले करोड़ो युवाओ को चोर और उचक्का और यौन हिंसक बना देता है ..............................
भारत मे देश भक्ति की फिल्मे बनाई जाये तो युवा अपने देश की रक्षा के लिए आगे आएगे
पर अगर भारत मे हर फिल्म ही यौन और कामुकता को बड़ाएगी तो फिर तो देश का सवा सत्यानाश हो जाएगा हमारा किसी भी फिल्म डाइरेक्टर या निर्माता से कोई निजी बैर नहीं है लेकिन वो भारत के युवाओ को पश्चिमी अज्ञान का आदि बनाएगे तो हम उनके सबसे बड़े विरोधी है और रहेगे
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